Wednesday 13 May, 2020

लेख इतने समय से आया है कि अपने मकसद को स्वत: पूरा कर देता है।
इसके लिए अरुण देव, समालोचक व लेखक बधाई के हकदार हैं।
और इससे वे तमाम पाठक लाभान्वित होंगे, जो स्व. नवलजी को कम
जानते होंगे...ज्यादा की अपेक्षा आने वाले समय में पूरी होती चलेगी...