लेख इतने समय से आया है कि अपने मकसद को स्वत: पूरा कर देता है।
इसके लिए अरुण देव, समालोचक व लेखक बधाई के हकदार हैं।
और इससे वे तमाम पाठक लाभान्वित होंगे, जो स्व. नवलजी को कम
जानते होंगे...ज्यादा की अपेक्षा आने वाले समय में पूरी होती चलेगी...
Wednesday 13 May, 2020
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