Saturday 7 June, 2008
satyadev tripathi: माँ इसे देवी कहती... (समापन किस्त...)
satyadev tripathi: माँ इसे देवी कहती... (समापन किस्त...)
प्रियवर बेनामजी,
आशीर्वचनों के लिए बारम्बार शुक्रिया...! कहीं बहुत गहरे चुभी होगी देवी, तभी अपनी असलियत के साथ प्रकट हुए आप...। आप को लगी चोट के लिए खेद सहित - स.त्रि.
satyadev tripathi: cinema
satyadev tripathi: cinema
अनाम महोदय,
सही श्लोक भी लिख ही देते ! ग़लती किससे नहीं होती ?
स. त्रि.
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